new education policy 2020
पहले की तरह होंगे बोर्ड एग्जाम , कॉलेज की डिग्री 4 साल की
और MPhil होगा बंद
संछिप्त में जाने के लिए आगे पढ़े
कैसे मिली भारत सरकार की मंज़ूरी
34साल बाद शिक्षा निति में बदलाव किया गया
HRD मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक ' ने कहा की ये निति एक महत्वपूर्ण रास्ता तैयार करेगी इस निति पर देश के कोने कोने से राय ली गयी है देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ की इतने बड़े स्तर पर सबकी राय ली गयी है
जाने क्या क्या हुए है बड़े बदलाब
नई शिक्षा निति के तहत अब 5 वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा , स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जायेगा।
बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों ना हो , एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जायेगा।
9 वीं से 12 वीं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी , स्कूली शिक्षा को 5 + 3 + 3 + 4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा।
वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी, यानी की ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट , दूसरे साल पर डिप्लोमा और तीसरे साल पर डिग्री मिलेगी।
3 साल की डिग्री उन लोगो के लिए है जिन्हे हायर एजुकेशन नहीं लेना है , वही पर हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री लेनी होगी
4 साल की डिग्री लेने वाले स्टूडेंट्स एक साल में MA कर सकेंगे।
अब स्टूडेंट्स को MPhil नहीं करना होगा , बल्कि MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे।
https://navbharattimes.indiatimes.com/topics/नई-शिक्षा-नीति
इतने बड़े पैमाने पर ली गयी थी राय
इसका अंदाज़ा इन आकड़ों से लगाया जा सकता है
तक़रीबन 2.5 लाख ग्राम पंचायतों , 6600 ब्लॉक्स और 676 जिलों से सलाह ली गयी थी
अब छात्र कर सकेंगे एक एक बिच में दूसरा कोर्स
वहीं नई शिक्षा निति के तहत कोई भी कोई भी छात्र एक कोर्स के बिच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सिमित समय के लिए ब्रेक ले कर वो दूसरा कोर्स कर सकता है
ऑनलाइन एजुकेशन और यूनिवर्सिटीज
हायर एजुकेशन सैक्रेटरी अमित खरे ने बताया , नए सुधारो में टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया गया है। ऑनलाइन क्लास काफी फायदेमंद होता है इसे टेक्नोलॉजी को और किया जा रहा है और अभी हमारे यहाँ डीम्ड यूनिवर्सिटी , सेंट्रल यूनिवर्सिटी और स्टैंडअलोन इंस्टीटूशन्स के लिए अलग अलग नियम है , नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत सभी के नियम समान होंगे।
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