New Education System
अब शुरुआत से तैयार होगी अच्छे भविष्य की नीव और आसान होगा हर मुश्किल
क्या है नई स्कूली शिक्षा का फॉर्मेट
इस निति में देश में स्कूली शिक्षा का फॉर्मेट बदल जायेगा और खेलकूद व तकनीकी विषयों को प्रधानता मिलेगी।
इसी के साथ मानव विकास मंत्रालय का नाम भी बदलकर शिक्षा मंत्रालय हो गया है।
अब तक भारत में स्कूली शिक्षा व्यवस्था 10 + 2 के फॉर्मेट में थी जिसे अब बदल कर
5 + 3 + 3 + 4 के फॉर्मेट में कर दिया गया है।
इसके तहत स्कूल के पहले 5 वर्षो की पढाई Foundation stage मानी जाएगी।
इसमें नर्सरी , अल के जी , यु के जी , पहली और दूसरी के छात्र होंगे।
Foundation stage में छात्रों का बेसिक स्ट्रांग किया जायेगा ताकि भविष्य में उन्हें किसी
भी तरह की कठिनाई ना हो सके।
इसके बाद कक्षा तीसरी से पांचवी तक दूसरा स्टेज होगा खेलकूद और अलग अलग गतिविधियों के साथ पढ़ाया जायेगा जिससे वो मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से मज़बूत बनेंगे।
कक्षा पांचवी तक उनके मात्रा भाषा या राष्ट्र भाषा में पढ़ाया जायेगा।
इसके अगले तीन साल middle stage माने जाएंगे। जिसमे कक्षा छठवीं से आंठवी तक के छात्र शामिल होंगे।
इसके बाद नौवीं से बारवीं कक्षा तक की पढाई आखिरी स्टेज वाली होगी। दशवी कक्षा से बोर्ड को हटा दिया जायेगा और नौवीं से बारवी तक की पढाई सेमेस्टर में होगी।

अब छात्र अपनी मात्र भाषा में पढ़ेंगे
जी हाँ सही पढ़ा आपने अब छात्र अपनी मात्र भाषा , स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ेंगे कक्षा पांचवी तक यानी अंग्रेजी भाषा में अब पढाई समाप्त हो जाएगी और अंग्रेजी सिर्फ एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जायेगा। स्कूलों का ज़बरन अंग्रेज़ीकरण का दौर अब समाप्त हो चुका है।
विषय होगा अपने पसंद का
सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की स्कूलों में पहले जैसा stream system नहीं होगा अगर Arts का कोई छात्र Physics की पढाई करना चाहता है तो वो कर सकेगा। और अगर Accounts का कोई छात्र History की पढाई करना चाहता है तो वो भी कर सकेगा।

कंप्यूटर कोडिंग सिखने का मौका मिलेगा
छठी कक्षा में पहुंचने के बाद कंप्यूटर कोडिंग सिखने का मौका मिलेगा। इससे भारत के छात्र सॉफ्टवेयर और मोबाइल फ़ोन ऍप्लिकेशन्स बनाने की तकनीक सिख पाएंगे
समेस्टर में होंगी परीक्षाएँ
नौवीं से बारवी कक्षा तक परीक्षाएँ अब सेमेस्टर के आधार पर होगी बर्ष में दो सेमेस्टर होंगी और हर छह महीने पर एक परीक्षा होंगी। और दोनों सेमेस्टर के मार्क्स जोड़कर फाइनल मार्कशीट तैयार की जाएगी।
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कैसे मिलेगा हायर एजुकेशन सर्टिफिकेट
ग्रेजुएशन की पढाई को तीन से चार वर्षो के कोर्स में बांटा गया है , पहले अगर आप ग्रेजुएशन पूरा नहीं करते थे तो आपको डिग्री नहीं मिलती थी , लकिन नई शिक्षा निति लागू होने के बाद अगर आप अगर आप एक साल के बाद कॉलेज छोड़ते है तो आपको सर्टिफिकेट दिया जायेगा। इसी के तहत अगर आप दो साल की पढाई पूरा करके कॉलेज छोड़ते तो आपको डिप्लोमा मिलेगा। और तीन साल पे डिग्री मिलेगी इसके बाद अगर आप चार साल का कोर्स करके डिग्री लेते है तो आपको रिसर्च के सर्टिफिकेट के साथ बैचलर की डिग्री मिलेगा , और अगर आप आप चार साल के कोर्स के बाद मास्टर डिग्री लेना चाहते है तो आपको सिर्फ एक साल का कोर्स करना होगा।
For more details on this policy go on the official website of https://www.mhrd.gov.in/
Ministry of Education
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